Hariyali Amavasya 2025: आज कई शुभ योग, शिव जी के साथ पितरों को भी करें प्रसन्‍न

🙏 क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही दिन शिव कृपा, पितृ आशीर्वाद और सर्वार्थ सिद्धि जैसे योग एकसाथ मिलें तो जीवन में क्या बदलाव आ सकता है? हरियाली अमावस्या 2025 एक ऐसा दुर्लभ दिन है — जहां सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ी ऊर्जा भी सक्रिय होती है।

🔱 हरियाली अमावस्या: शिव-पार्वती और पितरों की कृपा पाने का पावन अवसर

सावन मास की अमावस्या को, हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 24 जुलाई 2025 को है। खास बात यह है कि इस दिन गुरु-पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे अत्यंत शुभ संयोग बन रहे हैं — जो किसी भी पूजा-पाठ, दान और तपस्या को कई गुना फलदायक बना देते हैं।

🕉️ स्नान, दान और तर्पण से पितृ होंगे प्रसन्न

अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है, और इस दिन गंगा स्नान, श्राद्ध, दान-पुण्य और जप करने से पितृ प्रसन्न होकर परिवार पर आशीर्वाद बरसाते हैं। खासकर शनि दोष निवारण और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

🌸 शिव-पार्वती की पूजा से मिलेगा सुख और समृद्धि

हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल अर्पित करें। व्रत रखना संभव हो तो ज़रूर रखें। मान्यता है कि इससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति आती है।

🌱 पौधे लगाएं और पाएं अक्षय फल

हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण भी अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इस दिन लगाए गए पौधे न सिर्फ पर्यावरण को समृद्ध करते हैं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से अक्षय फल भी प्रदान करते हैं।

📿 शुभ मुहूर्त: कब क्या करें?

  • तिथि: 24 जुलाई 2025, सुबह 02:28 बजे से शुरू
  • समाप्ति: 25 जुलाई दोपहर 12:40 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 2:26 बजे से 3:58 बजे तक
  • अमृत काल: दोपहर 2:26 बजे से 3:58 बजे तक

ब्राह्म मुहूर्त में या दोपहर तक पूजा-पाठ, दान व तर्पण कर सकते हैं।

❤️ आपकी राय क्या है?

क्या आप इस हरियाली अमावस्या पर शिव कृपा और पितृ आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तैयार हैं?
नीचे बताएं कि आप कौन सा संकल्प लेंगे — शिव पूजा, पितृ तर्पण या वृक्षारोपण? 🌳

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